स्थायी: ये हिन्दुस्ता की जमी, राम-रहीम की जमी
बाग़ था खुशहाल जिनका (२)
थी अमन की ये (सरजमी-3)
मगमसा...मगमनि...मगमध...
निसामग सागधम निधसानि गरेसा मगरे गरेसा
निसा धनि मध निसा
अंतरा-१,साथमें पले साथ खेले, हाथ आखिर खून से मले (२)
लानत हमें आज इस बात की है (२)
खून से तर इन (जज़्बात की – २)
दिम्त न न न न, तोम्त न न न न (४)
रितननोम त न
(४)
धा धा दिन ता किट धा दिन ता,
किटतक गदिगन धा (3)
अंतरा-२, हैं लब्जमें तेरी वही लहू, हाथ रंगे तूने जिसके
लहू (२)
मौत भी तुझे कोसती है (२)
कौम भी (शर्मसार है – 3)
सा... निध रे...., निध म...गरेसा (२)
सानिध निधम धमग मगरे, (निरेगमधनिसा - 3)
अंतरा-3, हो न जाये कुछ बात ऐसी, टूट न जाये इतहादे कौम (२)
मुल्क के इखलास के खातिर (२)
करना होगा (हमें आखिर-3)
स्थायी: ये हिन्दुस्ता की जमी, राम-रहीम की जमी
बाग़ था खुशहाल जिनका (२)
थी अमन की ये (सरजमी-3)
मगमसा...स्थायी: ये हिन्दुस्ता की जमी, राम-रहीम की जमी
बाग़ था खुशहाल जिनका (२)
थी अमन की ये (सरजमी-3)
मगमसा...मगमनि...मगमध...
निसामग सागधम निधसानि गरेसा मगरे गरेसा
निसा धनि मध निसा
अंतरा-१,साथमें पले साथ खेले, हाथ आखिर खून से मले (२)
लानत हमें आज इस बात की है (२)
खून से तर इन (जज़्बात की – २)
दिम्त न न न न, तोम्त न न न न (४)
रितननोम त न
(४)
धा धा दिन ता किट धा दिन ता,
किटतक गदिगन धा (3)
अंतरा-२, हैं लब्जमें तेरी वही लहू, हाथ रंगे तूने जिसके
लहू (२)
मौत भी तुझे कोसती है (२)
कौम भी (शर्मसार है – 3)
सा... निध रे...., निध म...गरेसा (२)
सानिध निधम धमग मगरे, (निरेगमधनिसा - 3)
अंतरा-3, हो न जाये कुछ बात ऐसी, टूट न जाये इतहादे कौम (२)
मुल्क के इखलास के खातिर (२)
करना होगा (हमें आखिर-3)
स्थायी: ये हिन्दुस्ता की जमी, राम-रहीम की जमी
बाग़ था खुशहाल जिनका (२)
थी अमन की ये (सरजमी-3)
मगमसा...मगमनि...मगमध...
निसामग सागधम निधसानि गरेसा मगरे गरेसा
निसा धनि मध निसा
अंतरा-१,साथमें पले साथ खेले, हाथ आखिर खून से मले (२)
लानत हमें आज इस बात की है (२)
खून से तर इन (जज़्बात की – २)
दिम्त न न न न, तोम्त न न न न (४)
रितननोम त न
(४)
धा धा दिन ता किट धा दिन ता,
किटतक गदिगन धा (3)
अंतरा-२, हैं लब्जमें तेरी वही लहू, हाथ रंगे तूने जिसके
लहू (२)
मौत भी तुझे कोसती है (२)
कौम भी (शर्मसार है – 3)
सा... निध रे...., निध म...गरेसा (२)
सानिध निधम धमग मगरे, (निरेगमधनिसा - 3)
अंतरा-3, हो न जाये कुछ बात ऐसी, टूट न जाये इतहादे कौम (२)
मुल्क के इखलास के खातिर (२)
करना होगा (हमें आखिर-3)मगमनि...मगमध...
निसामग सागधम निधसानि गरेसा मगरे गरेसा
निसा धनि मध निसा
अंतरा-१,साथमें पले साथ खेले, हाथ आखिर खून से मले (२)
लानत हमें आज इस बात की है (२)
खून से तर इन (जज़्बात की – २)
दिम्त न न न न, तोम्त न न न न (४)
रितननोम त न
(४)
धा धा दिन ता किट धा दिन ता,
किटतक गदिगन धा (3)
अंतरा-२, हैं लब्जमें तेरी वही लहू, हाथ रंगे तूने जिसके
लहू (२)
मौत भी तुझे कोसती है (२)
कौम भी (शर्मसार है – 3)
सा... निध रे...., निध म...गरेसा (२)
सानिध निधम धमग मगरे, (निरेगमधनिसा - 3)
अंतरा-3, हो न जाये कुछ बात ऐसी, टूट न जाये इतहादे कौम (२)
मुल्क के इखलास के खातिर (२)
करना होगा (हमें आखिर-3)