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Rajasthani Folk Song: Kagaliya gero gero bole ni re... presentation by Ustad Rehmat Khan Langa

During 10 Days Master trainers course for Art & Music Teacher of Kendriya Vidyalaya from 02 March 2016 onwards at KVS ZIET Gwalior Organized by DEAA, NCERT, New Delhi

कागलिया, गेरो गेरो बोले नी रे - २
म्हारो परवानो बातलियो परदेस
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे

कागलिया बाग़ तो लगा दियो रे - २
म्हारा बागां में घुमणियो परदेस
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे

कागलिया, हौद तो बनाय लिया रे
म्हारा होदां में नहावणीयो परदेस
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे

कागलिया, महल तो बणा दिया रे
म्हारा महलां में सोवणीयो परदेस
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे