Rajasthani Folk Song: Kagaliya gero gero bole ni re... presentation by Ustad Rehmat Khan Langa
म्हारो परवानो बातलियो परदेस
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे
कागलिया बाग़ तो लगा दियो रे - २
म्हारा बागां में घुमणियो परदेस
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे
कागलिया, हौद तो बनाय लिया रे
म्हारा होदां में नहावणीयो परदेस
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे
कागलिया, महल तो बणा दिया रे
म्हारा महलां में सोवणीयो परदेस
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे