Var de Veena vadini var de... Sarasvati Vandana by Music Teachers
Var de Veena vadini var de... Sarasvati Vandana presentation by Music Teachers in the morning assembly of 21 days In-service course for Music Teachers, 25 July to 14 August 2012 at KVS ZIET Mysore
वर दे, वीणावादिनि वर दे ! प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे !
काट अंध-उर के बंधन-स्तर बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर जगमग जग कर दे !
नव गति, नव लय, ताल-छंद नव, नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को, नव पर, नव स्वर दे !
वर दे, वीणावादिनि वर दे।
रचना: सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"